राजधानी लखनऊ के हुसैनगंज के जयनारायण रोड में किराए पर रहने वाले रिटायर बैंक कर्मी मूलचंद गुरनानी उर्फ दौलत (74)ने लॉकडाउन में अकेलेपन से परेशान होकर फांसी लगा ली। पुलिस को उनके पास से एक सुसाइड नोट मिला है। जिसमें उन्होंने अकेलेपन का कारण बताते हुए खुद को मौत का जिम्मेदार ठहराया है। उधर, कैम्पवेल रोड पर एक दुकान के पीछे राकेश रविदास (40)ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। वहीं, मोहनलालगंज के हिलगी में कुशला देवी उर्फ सुशीला (42)ने फांसी लगा ली।
अकेलेपन से परेशान होकर दे रहा हूं जान
इंस्पेक्टर हुसैनगंज अंजनी पाण्डेय के मुताबिक, जयनारायण रोड स्थित जयवाल भवन की तीसरी मंजिल पर मूलचंद अकेले रहते थे। वह सेंट्रल बैंक से सहायक शाखा प्रबंधक के पद से रिटायर हुए थे। उनका बेटा पंकज परिवार के साथ पेपर मिल कॉलोनी में किराए पर रहता है जबकि बेटी की शादी हो चुकी है। गुरुवार दोपहर मोहल्ले वालों ने देखा कि उनका शव कमरे के बाहर छज्जे में दुपट्टे से सरिया में लटक रहा है। सूचना पर पुलिस पहुंची और उनके पास से सुसाइड नोट बरामद किया। जिसमें उन्होंने अकेलेपन से परेशान होकर फांसी लगाने का जिक्र किया है।
मजदूर का शव फंदे पर लटका मिला
ठाकुरगंज के कैम्पवेल रोड कन्हईखेड़ा में एक दुकान के पीछे मजदूर राकेश ने फांसी लगा ली। राजाजीपुरम के रहने वाले अरविंद का कहना है कि लॉक डाउन के कारण उनकी दुकान बंद थी। वह सफाई करने पहुंचे तो देखा कि मजदूर का शव गमछे से लटक रहा है। राकेश कन्नौज का रहने वाला है। वह यहां रहकर मजदूरी करता था। आशंका है कि काम न होने के कारण उसने फांसी लगा ली।
महिला ने फांसी लगाई
मोहनलालगंज के हिलगी निवासी संतोष कुमार की पत्नी कुशला देवी ने कमरे में रस्सी से लकड़ी की बल्ली में फांसी लगा ली। सुबह घरवालों ने उसका लटका देखकर पुलिस को सूचना दी। बताया जा रहा है कि वह मानसिक रुप से अस्वस्थ्य थी। पुलिस मामले की पड़ताल कर रही है।