झारखंड के रांची में कोरोना मरीज के संपर्क में आने वाले युवक ने अस्पताल में क्वारंटाइन किए जाने के बाद कोरोना होने के डर से मंगलवार दोपहर अस्पताल की छत से छलांग लगाकर अपनी जान दे दी।
घटना रांची के बरियातू जोड़ा तालाब स्थित लेक व्यू अस्पताल में घटी। युवक अस्पताल की तीसरी मंजिल से कूदा था। घायल युवक को आनन-फानन में रिम्स में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई। मृतक का नाम मंगल कच्छप है और वह एयरपोर्ट थाना क्षेत्र के हुंडरू बस्ती का रहने वाला था। वह एयरपोर्ट का ग्राउंड स्टाफ था।
पुलिस के अनुसार मंगल कच्छप ने 16 अप्रैल को बरियातू जोड़ा तालाब स्थित लेक व्यू अस्पताल से कोरोना के एक मरीज को एयरपोर्ट में एयर एम्बुलेंस में चढ़ाने में मदद की थी। जिस मरीज को एयर एंबुलेंस से दिल्ली भेजा गया था उसमें कोरोना संक्रमण पाया गया था और उसकी मौत हो गयी। कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद प्रशासन ने मंगल समेत एयरपोर्ट के दो ग्राउंड स्टाफ और मरीज के संपर्क में आने वाले 70 लोगों को लेक व्यू अस्पताल में कोरंटाइन कर दिया था।
बताया जा रहा है कि कोरोना होने का उसे भय था। अपने दोस्तों से भी वह इस बात की चर्चा करता था। आशंका जतायी जा रही है कि इस वजह से ही उसने मंगलवार को अस्पताल के तीन मंजिला से छलांग लगाकर अपनी जान दे दी।
आज आनी थी मंगल की रिपोर्ट
बताया जा रहा है कि मंगल समेत अन्य लोगों को कोरंटाइन करने के बाद उनसे मेडिकल टीम ने कोरोना का सैंपल लिया था। इसकी रिपोर्ट बुधवार को आनी थी।
दोस्त नीचे गए और लगा दी छलांग
लेक व्यू अस्पताल की छतत से कूद कर जान देने वाले युवक के दोस्तों ने बताया कि मंगलवार को दिन के ग्यारह बजे मंगल दो अन्य लोगों के साथ अस्पताल की तीसरी मंजिल पर बैठकर बातचीत कर रहा था। इस दौरान वह अपने दोस्तों से भी जान देने की बात कह रहा था। दोस्तों ने बताया कि वह कोरोना को लेकर काफी डरा हुआ था। दिन के 11.50 बजे जब पंकज व एक अन्य युवक नीचे उतर रहा था। मंगल छत पर अकेले था। इसी दौरान उसने तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी। उसकी आवाज सुनकर पंकज समेत डॉक्टर व अन्य लोग पहुंचे। आनन-फानन में उसे रिम्स ले जाया गया। इलाज के दौरान दिन के दो बजे उसकी मौत हो गई।
अस्पताल से सामान ले जाने का कह रहा था बात
हुंडरू बस्ती निवासी मंगल कच्छप का भरा-पूरा परिवार है। उसके परिवार में पत्नी, बच्चे के अलावा भाई व पिता भी हैं। मंगलवार की सुबह मंगल अपनी पत्नी और भाईयों से फोन पर बातचीत किया। परिजनों के अनुसार वह काफी तनाव में था। उसने अपने परिजनों कहा कि उसका मन नहीं लग रहा है, उसे यहां से ले जाओ। वह यह भी कह रहा था कि उसे कहीं कोरोना तो नहीं हो गया है। अगर ऐसा होगा तो फिर क्या होगा। वह कैसे ठीक होगा। वह यह भी कह रहा था कि मेरा सामान आकर अस्पताल से ले जाना। हालांकि परिजन ने उसे समझाया कि परेशान नहीं हो। रिपोर्ट आने के बाद सब ठीक हो जाएगा। तुमको घर भी ले आया जाएगा।