झारखंड / पांच साल की बच्ची की मौत, मां बोली- दो दिन से चूल्हा नहीं जला था, भूख से गई बेटी की जान

बीडीओ के कहने पर पीड़ित परिवार ने रविवार सुबह बच्ची निम्मी (इनसेट में फोटो) के शव को दफना दिया। जबकि, नियमानुसार भूख से मौत के मामले में पोस्टमार्टम कराया जाता है। फोटो में कलावती देवी अपने बच्चों के साथ मौजूद हैं। बीडीओ के कहने पर पीड़ित परिवार ने रविवार सुबह बच्ची निम्मी (इनसेट में फोटो) के शव को दफना दिया। जबकि, नियमानुसार भूख से मौत के मामले में पोस्टमार्टम कराया जाता है। फोटो में कलावती देवी अपने बच्चों के साथ मौजूद हैं।
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बीडीओ के कहने पर पीड़ित परिवार ने रविवार सुबह बच्ची निम्मी (इनसेट में फोटो) के शव को दफना दिया। जबकि, नियमानुसार भूख से मौत के मामले में पोस्टमार्टम कराया जाता है। फोटो में कलावती देवी अपने बच्चों के साथ मौजूद हैं।बीडीओ के कहने पर पीड़ित परिवार ने रविवार सुबह बच्ची निम्मी (इनसेट में फोटो) के शव को दफना दिया। जबकि, नियमानुसार भूख से मौत के मामले में पोस्टमार्टम कराया जाता है। फोटो में कलावती देवी अपने बच्चों के साथ मौजूद हैं।

  • अर्थशास्त्री प्रोफेसर ज्यां द्रेज बोले- मासूम की मौत भूख से हुई, परिवार वाले भी कुपोषित
  • बच्ची की मौत की खबर के बाद बीडीओ ने परिवार को 40 किलो अनाज दिलाया

दैनिक भास्कर

May 17, 2020, 10:25 PM IST

लातेहार. मनिका प्रखंड के डोंकी पंचायत के हेसातू गांव में शनिवार देर रात जगलाल भुइयां की बेटी निम्मी कुमारी (5) की मौत हो गई। बच्ची की मां कलावती देवी ने बताया कि उनके घर में राशन नहीं था। दो दिन से घर में चूल्हा नहीं जला था। भूख से बेटी की जान चली गई। पति लातेहार में ईंट भट्ठे में मजदूरी करते हैं। वे कई दिनों से घर नहीं आए।

घर पर कलावती देवी और निम्मी के छह भाई-बहन मौजूद थे। इधर, बच्ची की मौत की सूचना के बाद बीडीओ नंदकुमार राम शनिवार रात करीब 12 बजे उसके घर पहुंचे। प्रशासन ने पांच हजार रुपए और 40 किलो अनाज उपलब्ध कराया। 

रविवार सुबह लातेहार अनुमंडल पदाधिकारी सागर कुमार पीड़ित परिवार से मिले। उन्होंने बताया कि बच्ची की तबियत दो दिनों से खराब थी। उसी अवस्था में बच्ची ने पास के तालाब में शनिवार को स्नान भी किया था। उसके बाद स्थिति और बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई।

मृत बच्ची के घर बुझा चूल्हा। बच्ची की मौत की सूचना पर अर्थशास्त्री प्रोफेसर ज्यां द्रेज भी हेसातू गांव पहुंचे। उन्होंने कहा कि जिस घर में बच्ची की मौत हुई, उस परिवार का राशन कार्ड नहीं है।

बच्ची की मौत की सूचना पर अर्थशास्त्री प्रोफेसर ज्यां द्रेज भी हेसातू गांव पहुंचे। ज्यां द्रेज ने कहा कि जिस घर में बच्ची की मौत हुई है, उस परिवार का राशन कार्ड नहीं है। घर में अनाज का एक दाना भी नहीं था। घर में और 5 बच्चे हैं, जो कुपोषण के शिकार हैं। बच्ची की मौत का कारण भूख ही है। बीडीओ के कहने पर पीड़ित परिवार ने रविवार की सुबह बच्ची के शव को दफना दिया है। जबकि, प्रावधान के मुताबिक भूख से मौत के मामले में मेडिकल टीम से पोस्टमार्टम कराया जाता है।

फ्लैशबैक: बच्ची भात-भात करते मर गई थी, अफसर बोले- मलेरिया था

झारखंड में भूख और राशन की समस्या कोई नई बात नहीं है। 28 सितंबर 2017 को झारखंड के सिमडेगा जिले के कारीमाटी गांव में 10 साल की संतोषी कथित रूप से भूख से तड़प-तड़प कर मर गई थी। आरोप था कि उसका परिवार राशन कार्ड को आधार से लिंक नहीं करा पाया ,जिसके चलते पिछले आठ महीने से उन्हें सस्ता राशन नहीं मिल रहा था। परिवार का कहना है कि संतोषी कुमारी ने 8 दिन से खाना नहीं खाया था, जिसके चलते भूख से उसकी मौत हो गई। बाद में प्रशासन की जांच हुई और रिपोर्ट में कहा गया कि बच्ची को मलेरिया था। बाद में राशन डीलर पर कार्रवाई हुई थी।

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