हाइलाइट्स
गाजियाबाद
- कोरोना के बीच किए गए लॉकडाउन में पुलिस की लापरवाही की वजह से एक 5 महीने की बच्ची की मौत हो गई
- आरोप है कि मेरठ ले जाते वक्त पुलिस ने परिवार को आधे घंटे तक बैठाए रखा, जिसकी वजह से बिगड़ी बच्ची की हालत
- मेरठ ले जाते वक्त बॉर्डर चौकी मोहिउद्दीनपुर पर पुलिस ने रोका और नगर पालिका का कार्ड देखने के बाद भी जाने नहीं दिया
इलाज में देरी होने पर एक 5 महीने की बच्ची की मौत का मामला सामने आया है। आरोप है कि मेरठ ले जाते वक्त पुलिस ने परिवार को आधे घंटे तक बैठाए रखा। इसकी वजह से परिवार समय पर अस्पताल नहीं पहुंच सका और उसकी मौत हो गई। परिवार का कहना है कि अगर पुलिस उन्हें नहीं रोकती तो शायद बच्ची की जान बच जाती।
लेटेस्ट कॉमेंट
जनरल ओर्डर है की एम्ब्यूलांस को कभी भी रोका नही जाना चाहिए फिर भी रोका इसलिये उस पुलिस पर 302 की तहत मुकदमा होना चाहिए|
सूचना मिलने पर शहर के कुछ लोग पहुंचे, तब पुलिस ने उन्हें जाने दिया। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पीड़ित परिवार ने प्रशासन से मेरठ पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। सभासद आशीष त्यागी ने पुलिस अधिकारियों से शिकायत करने की बात कही है।
जनरल ओर्डर है की एम्ब्यूलांस को कभी भी रोका नही जाना चाहिए फिर भी रोका इसलिये उस पुलिस पर 302 की तहत मुकदमा होना चाहिए|
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वैसे यूपी व हमारे दिल्ली की पुलिस सरकारी इशारे पर बहुत से असंवेधानिक कार्य कर रही है। जो मानवाधिकार का हनन है। कोई बोलने वाला नही है सब भक्ति में लीन हैं।
पुलिस का रवैया वास्तव में पूरे कोरोना पीरियड में आतंकित करने वाला रहा है। इनसे 90%तक अधिकार छिनने चाहिए। तभी ये ओकात में आएंगे। पुलिस के कारण ही न जाने कितने मासूमो को जान से हाथ धोना पड़ा। सभी संबंधित पुलिस वालों पर हत्या व देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए।