लाइव सिटीज, पटना/अमित जायसवाल : कोरोना वायरस की वजह से देश भर में जारी लॉकडाउन को अब एक महीना होने जा रहा है. सरकार ने लॉकडाउन लोगों की सेफ्टी के लिए लागू किया था. लेकिन अब इसका साइडइफेक्ट सामने आने लगा है. लॉकडाउन की वजह से एक व्यक्ति की प्रोजेक्ट मैनेजर की नौकरी चली गई. सैलरी न मिलने की वजह से घर-परिवार का खर्च चलाना मुश्किल होने लगा. इस वजह से वो व्यक्ति टेंशन में रहने लगा. अचानक उसने खुद के लाइफ को खत्म करने की ठानी और फिर अपनी प्लानिंग को अंजाम दे दिया. नौकरी चले जाने की वजह से सुसाइड का यह मामला पटना के जगदेव पथ इलाके का है. जिस शख्स ने यह खौफनाक कदम उठाया, उसका नाम धनंजय कुमार है.
दरअसल, यह पूरा मामला सोमवार का है. लेकिन मंगलवार को यह सामने आया. धनंजय की पत्नी खुशी दत्ता ने पीएमसीएच टीओपी प्रभारी अमित कुमार के सामने अपना फर्द बयान दर्ज कराया है. खुशी के दिए बयान के अनुसार धनंजय पहले गुड़गांव में एक टेलीकॉम कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर था. बाद में उस नौकरी को छोड़कर वो पटना आ गया और फ्यूचर नेट वींग नाम की एक प्राइवेट कंपनी का प्रोजेक्ट मैनेजर बन गया.
सब कुछ ठीक चल रहा था. लेकिन कोरोना वायरस को लेकर सरकार की तरफ से जारी किए गए लॉकडाउन ने धनंजय की नौकरी छीन ली. जगदेवपथ के जानकी किशोर अपार्टमेंट के एक फ्लैट में पूरा परिवार रह रहा है. खुशी के अनुसार नौकरी चले जाने की वजह से धनंजय बहुत परेशान रहने लगा था. सोमवार की दोपहर करीब 1:30 बजे वो बाथरूम गया. काफी देर होने पर जब वो वापस नहीं आए तो खुशी और उसके सास व ससुर ने आवाज लगाना शुरू किया. लेकिन अंदर से कोई रिस्पांस नहीं मिला. फिर अपार्टमेंट के गार्ड को बुलाया गया. सभी ने मिलकर बाथरूम के गेट को तोड़ दिया.
बाथरूम के अंदर का नजारा देख सबके होश उड़ गए. वेंटिलेटर में गमछे से बने फांसी के फंदे से 35 साल का धनंजय लटका हुआ था. उस वक्त उसकी सांसे चल रही थी. परिवार के लोग सबसे पहले उसे इलाज के लिए आईजीआईएमएस लेकर गए. हालत गंभीर होने की वजह से वहां से पीएमसीएच रेफर कर दिया गया. जहां इलाज के दौरान शाम में धनंजय की मौत हो गई. धनंजय के इस कदम ने परिवार के साथ-साथ उसे जानने वाले हर किसी को सदमे में डाल दिया है.