आस मुहम्मद कैफ , TwoCircles.net
बिजनौर। अभी बिजनोर में एक बुजुर्ग के केले में पेशाब छिड़कने का झूठा मामला ठंडा भी नही पड़ा है कि कोरोना काल मे नफ़रत की एक और घटना सामने आ गई। यहां की आवास विकास कॉलोनी में नाम पूछकर ठेली पर फल बेचने वाले नूर मोहम्मद की ज़बरदस्त पिटाई की गई। नूर मोहम्कमद को कभी मौहल्ले में फल बेचने न आने की धमकी देकर भगा दिया गया। बिजनोर में चार दिन में
‘हेट क्राइम’ की यह तीसरी घटना है।
बिजनौर के जिस इलाक़े में यह शर्मनाक घटना हुई वो यहां का सबसे अच्छा इलाका माना जाता है। यहां पढ़ें लिखे लोग रहते हैं। हैरतअंगेज तरीक़े से लोगो ने हस्तक्षेप नहीं किया और हमलावरों को पहचानने से साफ़ इंकार कर दिया। पीड़ित का कहना है उसका नाम पूछकर पिटाई करने वाले लोग स्थानीय है। वो उनका नाम नही जानता मगर वो पहले इस इलाके में उन्हें देख चुका है।
घटना कल दोपहर 12 बजे के आसपास की है। संयोग से पीड़ित भी बुख़ारा मोहल्ले का रहने वाला है। बुख़ारा वो ही मोहल्ला है जहां बुजुर्ग पर केले पर पेशाब छिड़कने का लगाया गया था जो पुलिस जांच में झूठा पाया गया। बुख़ारा बिजनोर की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला मोहल्ला है। यहां का नूर मोहम्मद (30) आवास विकास और कलक्ट्रेट कॉलोनी में ठेली फल बेचने का काम करता है। यह घटना आवास विकास में हुई।
नुर मोहम्मद के अनुसार वो पिछले 10 साल से यही काम कर रहा है।उसे कभी कोई समस्या नही हुई। यहां तक की कभी किसी ने बुरी नियत से उसका नाम भी नही पूछा। वो बताता है, ‘शुक्रवार को लगभग 12 बजे मैं आवास विकास में फल बेच रहा था। उसने मास्क लगाया हुआ था। तभी एक कार में से तीन लडके आएं। उन्होंने मेरा नाम पूछा और कहा क्या बेच रहे हो! इसके बाद उन्होंने सीधे गाली देनी शुरू कर दी। उनमे से एक कार के पास वापस गया और वहां से लोहे का एक सरिया उठाकर कर लाया। जिसे मेरे पैर पर मारा मैंने उनसे कहा कि मेरी क्या गलती है,उन्होंने कहा कि तुम बीमारी फैला रहे हो। आज के बाद इस गली में मत दिखाई देना। मुझे इन्होंने लात घूंसे भी मारे, जब ये ऐसा कर रहे थे तो कुछ लोग अपने घर के बाहर खड़े होकर देख रहे थे। किसी ने भी मुझे बचाने की कोशिश नही की।नुरमोहम्मद ने पुलिस में शिकायत की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
बिजनौर के राशीद अहमद के मुताबिक टीवी मीडिया की नकारात्मक रिपोर्टिंग ने शरीफ़ लोगों को राक्षस में तब्दील कर दिया है। सरकार को चाहिए वो तुरन्त नफ़रत फैलाने वाली टीवी रिपोर्टिंग बंद कराएं।इससे लोगों मे ज़हर फैल गया है। इस समय हम सभी को मिलकर कोरोना से लड़ना चाहिए।
बुज़र्ग का पेशाब छिड़कने का मामला भी निकला फर्जी
बिजनोर में इससे पहले एक 70 वर्षीय बुजुर्ग इरफान की षड्यंत्रकारी झूठी वीडियो को लेकर भारी तनाव हो चुका है। 21 अप्रैल को सोशल मीडिया पर वायरल हुई इस वीडियो में यह दावा किया गया था कि गली में घूम कर केले बेचने वाले इरफ़ान ने केले पर पेशाब छिड़का है। मगर पुलिस की सर्विलांस टीम की जांच में यह मामला झूठा पाया गया। बिजनौर के एसपी सिटी लक्ष्मी नारायण मिश्रा के मुताबिक बुज़र्ग ने अपनी ठेली पर रखे हुए पानी की बोतल से पेशाब करने के बाद अपने हाथ धोये थे। इसी पानी को उसने पी भी लिया था। इसी पानी को वो केले पर छिड़कता भी था। पेशाब वाली बात एकदम झूठी है। ग़लत तरीके से फैलाई गई। हम देख रहे हैं कि यह सिर्फ एक गलतफहमी थी या जानबूझकर ऐसा किया गया। दूसरी घटनाओँ को भी गंभीरता से लिया जा रहा है। हम किसी को कानून व्यवस्था बिगाड़ने नही दे सकते। ख़ास बात यह है कि उक्त बुजुर्ग इरफ़ान और शुक्रवार पिटाई वाला पीड़ित बिजनोर के एक ही मौहल्ले बुखारा के रहने वाले हैं। तीसरा व्यक्ति मोहल्ला जाटान का रहने वाला है।
कोरोना फैला रहे तुम कहकर की थी ख़लील की भी पिटाई
बिजनोर में मोहल्ला जाटान निवासी खलील (45) सोमवार को अपने खेत पर जा रहा था। उसका खेत तिबड़ी गांव के पास है। गांव में उसका ट्रैक्टर नाली में फंस गया। जिसके लिए उसने मदद मांगी। कोई मदद के लिए नही आया। बाद में उसके साथ मारपीट की गई।उसका कान कट गया। ख़लील का कहना था कि उसे यह कहकर पीटा गया कि वो कोरोना फैला रहे हैं। पुलिस में शिकायत हुई। एसपी के आदेश पर मुक़दमा दर्ज हुआ। आरोपी अब तक गिरफ्तार नही हुए हैं। ख़लील कहते हैं, ‘पुलिस ने एक आदमी को पकड़ लिया था। मैं भूल नही सकता मुझे गालियां दी गई और कहा गया तुम बीमारी फैला रहे हो।’