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मजदूर ने फांसी लगाई:लॉकडाउन के बाद से काम नहीं मिल रहा था, परिजन बोले- पत्नी-बच्ची के लिए दो वक्त की रोटी भी नहीं जुटा पा रहा था

शाजापुरएक महीने पहले
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पांच वर्षीय बेटी शव से कुछ दूरी पर बैठी थी। उसे पता ही नहीं था कि फर्श पर लेटे पिता अब कभी नहीं उठेंगे।
  • एसडीएम ने कहा- आर्थिक तंगी जैसी कोई बात नहीं, अब तक मदद नहीं मांगी
  • पड़ोसी बोले- शराब का आदी था दिलीप, इसलिए विवाद की बनती थी स्थिति
  • जांच अधिकारी ने कहा- परिजन के बयान के बाद स्पष्ट स्थिति होगी
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कृषि मंडी क्षेत्र में 30 वर्षीय एक मजदूर ने घर में फांसी लगा ली। वह खुली मजदूरी करता था। लॉकडाउन के बाद से उसे काम नहीं मिल रहा था। परिजन ने कहा- मजदूर परिवार के लिए दो वक्त की रोटी भी नहीं जुटा पा रहा था। मजदूरी की माली हालत दर्शाता एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इधर, प्रशासन आर्थिक तंगी की बात से नकार रहा है। जबकि मजदूर की पत्नी-बेटी और घर को देखकर साफ हो रहा है कि वे कितने गरीब हैं।

लाश देखते ही पत्नी समेत अन्य परिजन ने होश खो दिया। पूरे डेरे में रुदन से माहाैल गमगीन दिखाई दिया।

रविवार दोपहर 2 बजे पुलिस को सूचना मिली कि मंडी के पास किसी युवक ने फांसी लगा ली। बताया गया कि लाॅकडाउन में काम नहीं मिलने के कारण बागरी समाज का दिलीप परेशान था, इसी वजह से आत्महत्या की। तहसीलदार सत्येंद्र बैरवा समेत राजस्व विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। परिजन के बयान दर्ज किए। इस पूरे घटनाक्रम में परिजन और अधिकारियों के अलग-अलग तर्क सामने आए। एसडीएम सोलंकी ने साफ कह दिया कि सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो में दिखाई दे रहा कि व्यक्ति मरने वाले का परिजन है ही नहीं और दिलीप कभी भी किसी तरह की मदद मांगने नहीं आया।

बेटी की आंखों में दिखी भूख
दिलीप के फांसी लगाने के बाद पूरे डेरे में मातम छा गया। लाश देखते ही पत्नी समेत अन्य परिजन ने होश खो दिया। पूरे डेरे में रुदन से माहाैल गमगीन दिखाई दिया। इस बीच मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने एफएसएल अधिकारी जांच करते रहे। वहीं पांच वर्षीय बेटी शव से कुछ दूरी पर ही बैठी थी। उसे पता ही नहीं था कि फर्श पर लेटा पिता अब कभी नहीं उठेगा। वह तो पिता की मौत से अनजान घर के दरवाजे के पास बैठे पानी में भीगो कर रोटी खाती रही। जब रोटी खत्म हुई तो अपने चचेरे भाई की गाेद में जाकर बैठ गई। बच्ची का यह कायाकल्प देख वहां खड़े हर व्यक्ति की आंखें भर आईं।

मामा बोला- कई दिनों से भूखा था परिवार
कृषि उपज मंडी क्षेत्र में रहने वाला दिलीप के मामा मदनलाल ने बताया डेढ़ माह से दिलीप काे कामकाज नहीं मिल रहा था। कई बार वह पत्नी और बच्ची को दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं करा पा रहा था। इससे परिवार में विवाद की स्थिति भी बन गई पर नहीं मालूम था ऐसा होगा।

शराब के नशे का आदी था

कोतवाली पुलिस ने एफएसएल टीम के साथ साक्ष्य जुटाए, जांच अधिकारी एएसआई प्रकाश विभूते ने बताया आर्थिक तंगी जैसी कोई जानकारी सामने नहीं है। पड़ाेसियों के बयान के अनुसार, दिलीप शराब पीने का आदी था। इससे विवाद होता था।

आर्थिक मदद और राशन दिया

एसडीएम एसएल सोलंकी ने कहा कि तहसीलदार बैरवा सहित एसआई सौरभ शर्मा ने परिजन के बयान लिए हैं। इससे साफ है आर्थिक तंगी जैसी कोई बात नहीं है। न ही दिलीप ने कभी प्रशासन के सामने मदद लेने आया। परिजन को रुपए व राशन दिया गया है।

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