हाइलाइट्स
विजयवाड़ा
- तमाम प्रयासों के बावजूद पूरे देश में प्रवासी श्रमिकों का पैदल चलना नहीं थम रहा है
- श्रमिक अपनी जान जोखिम में डालकर लगातार सड़कों पर चल रहे हैं, कई मौतें भी
- अब आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में ऐसे ही एक मजदूर की हीट स्ट्रोक से मौत हो गई
तमाम प्रयासों के बावजूद पूरे देश में प्रवासी श्रमिकों का पैदल चलना नहीं थम रहा है। श्रमिक अपनी जान जोखिम में डालकर लगातार सड़कों पर चल रहे हैं। कई मजदूर अब तक अपनी जान गवां चुके हैं। गुरुवार को आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में ऐसे ही एक मजदूर की हीट स्ट्रोक से मौत हो गई। श्रमिकों का यह समूह चेन्नै से वेस्ट बंगाल के लिए पैदल ही नकला था। श्रमिक की मौत के बाद उसके साथ डरकर उसकी लाश सड़क पर ही छोड़कर चले गए।
पुलिस ने बताया कि अनिल सरकार वेस्ट बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर का रहने वाला था। वह चेन्नै में काम करता था। लॉकडाउन के बाद काम नहीं मिलने से वह और उसके साथी परेशान थे। उन लोगों ने 1500 किलोमीटर की यात्रा पैदल ही करने की सोची। अनिल 18 प्रवासी श्रमिकों के साथ चेनै से कोलकाता के लिए निकल पड़ा।
कानूनी कार्रवाई से डरकर फेंकी लाश
प्रवासी श्रमिकों का यह समूह शाम को चार बजे रास्ते में था तभी अनिल चक्कर खाकर गिर पड़ा और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उसके साथी कानून कार्रवाई से डर गए। उन लोगों ने गुपचुप उसका शव सड़क के किनारे कर दिया और वहां से आगे निकल गए।
15 किलोमीटर दूर पकड़े गए साथी
कुछ चश्मदीद लोगों ने पुलिस को मामले की जानकारी दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने अनिल का शव एक बेड शीट में लिपटा बरामद किया। पुलिस को सूचना देने वाले ने पुलिस को पूरी घटना बयां की। बाद में पुलिस ने बाकी सभी 17 श्रमिकों को घटनास्थल से लगभग 15 किलोमीटर दूर टेलापुरोलू जंक्शन के पास पकड़ लिया।
क्वारंटीन सेंटर पर अव्यवस्था से थे नाराज
बेडशीट में लपेटी लाश
लोगों ने पुलिस को बताया कि अनिल के साथ जो लोग थे, उन्होंने उसे होश में लाने की पूरी कोशिश की। जब उन्हें लगा कि वह मर चुका है तो वे परेशान हो गए। उन लोगों ने बताया कि उन्हें लगा कि पुलिस उन लोगों को पकड़ लेगी और बेकार में परेशान करेगी, इसलिए उन लोगों ने अनिल की लाश को एक बेडशीट में लपेटकर सड़क के किनारे ही रख दिया था।
19 मार्च को चेन्नै से चले थे पैदल
श्रमिकों ने बताया कि उन लोगों ने चेन्नै से 19 मई को पैदल चलना शुरू किया था। वे लोग 21 मई को नेल्लोर पहुंचे थे। वे लोग 250 किलोमीटर पैदल चले थे। नेल्लोर से उन लोगों को एक ट्रक मिल गया। ट्रक ने उन्हें चिन्नावुतुपल्ली गांव के पास दोपहर 2 बजे उतार दिया। वहां से वे लोग विजयवाड़ा शहर तक आए। तेज धूप के कारण हर किसी की हालत खराब हो रही थी। उन लोगों को कोई यातायात का साधन नहीं मिला और वे लोग पैदल ही चलते रहे।
चिलचिलाती धूप में हीट स्ट्रोक का हुआ शिकार
श्रमिकों ने बताया कि चिलचिलाती धूप में वे लोग दो घंटे लगातार पैदल चले। उन लोगों को कहीं पानी भी नहीं मिला। इसी दौरान अनिल गश्त खाकर गिर पड़ा। पुलिस ने सभी प्रवासी श्रमिकों को पकड़कर शेल्टर होम भेज दिया है। अनिल का शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने के साथ उसके घरवालों को भी सूचना दे दी गई है।