ग्वालियर। नईदुनिया प्रतिनिधि
दिल्ली से पत्नी के साथ पैदल टीकमगढ़ के लिए निकले थे। ग्वालियर में हाइवे पर एक तेज रफ्तार कार मजदूर को टक्कर मार गई। 5 फीट हवा में उछलकर मजदूर सिर के बल सड़क पर गिरा। टक्कर मारकर कार तो भाग गई पर हाइवे पर घायल पति को गोद में लेकर महिला 20 मिनट तक मदद की गुहार लगाती रही। कुछ लोगों ने उसकी मदद की, लेकिन तब तक घायल मजदूर दम तोड़ चुका था। घटना रविवार शाम 6 बजे हाइवे पर निरावली के पास हुई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को निगरानी में लिया और पोस्टमार्टम कराया है। इस पर कुछ भाजपा नेता व समाजसेवी आगे आए और 25 हजार रुपये की मदद की। एंबुलेंस से शव को टीकमगढ़ तक पहुंचवाया है।
टीकमगढ़ के धामना गांव निवासी सुखलाल अहिरवार (40) पुत्र तुलसीराम दिल्ली में किसी निर्माणाधीन भवन में मजदूरी करता था। उसकी पत्नी कुसुमा भी वहीं रहती थी, जबकि उसके तीन बच्चे हैं जो टीकमगढ़ में दादा-दादी के पास हैं। कोरोना के बढ़ते खौफ के चलते और 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा के बाद से सुखलाल काफी परेशान था। दो दिन पहले कोई साधन न मिलने पर वह पैदल ही दिल्ली से पत्नी सहित पूरा सामान उठाकर टीकमगढ़ के लिए निकला था। सिर पर कट्टे और हाथ में थैला टांगकर बच्चों से मिलने अपने घर के लिए वह निकला था। रविवार शाम 6 बजे वह ग्वालियर के पुरानी छावनी थाना क्षेत्र स्थित हाइवे पर निरावली के पास पहुंचा। सुनसान हाइवे पर वह डिवाइडर पर ही कुछ देर आराम करने रुक गया। इसके बाद वह जैसे ही डिवाइडर से चलने के लिए उतरा तो एक तेज रफ्तार कार एमपी07 सीजी-2534 उसे टक्कर मारते हुए निकल गई। घटना में मजदूर हवा में उछलकर जमीन पर गिरा। कुछ लोगों ने कार का पीछा कर उसे रायरू पर पकड़ा। तब तक घायल मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने शव को निगरानी में लेकर मामला दर्ज किया है। टक्कर मारने वाली कार स्वाति यादव निवासी बालाजीपुरम के नाम पर है।
तुम्हे बच्चों की कसम उठो, ऐसे मत छोड़ो
सुखलाल के दो बेटे व एक बेटी हैं, जो गांव में ही दादा-दादी के पास रहते हैं। घायल पति को सड़क पर पड़ा देख पत्नी कुसुमा ने गोद में उठा लिया। जब वह हिचकियां लेने लगा तो सड़क पर लेटाकर एक ही शब्द कह रही थी तुम्हें बच्चों की कसम उठो, ऐसे मत छोड़ो। पति की सांसें थमते ही कुसुमा भी बेहोश हो गई। उसे अस्पताल पहुंचाया गया। कुछ देर बाद होश आने के बाद वह डेड हाउस पहुंची। सोमवार सुबह शव का पोस्टमार्टम कराया गया है।
लोगों की मदद से घर पहुंचा शव
शव को घर पहुंचाने के लिए आम लोगों ने काफी मदद की। पुरानी छावनी हाइवे पर लोगों को खाना खिला रहे भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष इम्तियाज खान, बंटी भार्गव, राजेन्द्र शर्मा ने अपनी ओर से मृतक की पत्नी को 25 हजार रुपये आर्थिक सहायता दी। साथ ही सांसद विवेक शेजवलकर व क्षेत्रीय विधायकों से बात कर शव को एंबुलेंस की मदद से टीकमगढ़ पहुंचवाया है।
बड़ा सवालः लॉकडाउन के बाद भी सड़क पर क्यों निकल रहीं कारें
इस घटना से एक सवाल खड़ा हुआ है। देश के साथ ही शहर में भी 21 दिन का लॉकडाउन है। सड़क पर वाहनों या लोगों का निकलना बंद है। इसके बाद भी शहर में व हाइवे पर खाली सड़कों पर 4 पहिया वाहन दौड़ रहे हैं। दोपहिया वाहनों पर तो पुलिस डंडे बरसा देती है, लेकिन कार में सवार लोग मजे से घूम रहे हैं। यदि इस कार को रोका गया होता तो यह हादसा नहीं होता।
Posted By: Nai Dunia News Network
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