गढ़वा जिले के भंडरिया प्रखंड स्थित करून गांव में शनिवार को एक 70 वर्षीय वृद्धा सोमरिया देवी की घर पर ही मौत हो गई। मृतका के पति का दावा है कि मौत भूख की वजह से हुई। वहीं पंचायत प्रतिनिधि और जिला पार्षद के मुताबिक मृतका के घर में तीन दिन से खाना नहीं बना था। घर में अनाज का एक दाना तक नही था। हालांकि प्रशासन ने भूख से मौत की बात से इनकार किया है।
करून गांव प्रखंड मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर है। ग्रामीणों ने बिना पोस्टमार्टम कराए शनिवार को ही वृद्धा का अंतिम संस्कार कर दिया।
घटना की जानकारी पाकर रविवार को बीडीओ सुलेमान मुंडारी मृतका के घर पहुंचे। उन्होंने मृतका के पति लक्षु लोहरा से पूरी जानकारी ली। लक्षु ने भी बीडीओ को बताया कि घर में तीन दिन से खाना नहीं बना था। इसकी वजह से उसकी पत्नी ने भूख से तड़पकर दम तोड़ दिया। उसने यह भी बताया कि चार दिन पहले पड़ोसियों ने उन्हें खाना खिलाया था। उसके बाद से वे भूखे थे। लक्षु के अनुसार वह अपने भतीजे के घर में रहता है और भिक्षाटन कर दो वक्त के भोजन का किसी तरह जुगाड़ करता था। तीन दिन पहले भतीजा अपनी ससुराल चला गया। इसके बाद लॉकडाउन के कारण न तो उसे कहीं से मदद मिली और न ही वह भिक्षाटन के लिए बाहर निकल सका। पंचायत प्रतिनिधि अनिता देवी और जिला पार्षद रामजीत सिंह ने बताया कि सुमरिया देवी की मौत की सूचना पर वे उसके घर गए। घर में अनाज का एक दाना भी नहीं था। तीन दिन से घर में खाना नहीं बना था।
उधर, गांव की मुखिया गीता देवी ने बताया कि उसके पास कोई फंड नहीं था। पंचायत स्तर पर भी आपदा प्रबंधन से यहां कोई राशन नहीं मिला है। शनिवार को उसे 10 हजार रुपए का चेक मिला है जिसका अभी बैंक से भुगतान नहीं हुआ है।
बीडीओ का कहना है कि मृतका लकवा रोगी थी और उसकी मौत बीमारी की वजह से हुई है। मृतका के पति को छह हजार रुपए तत्काल दिए गए हैं। वहीं महिला समूह से 50 किलोग्राम चावल की व्यवस्था भी की जा रही है।
एसडीओ का कोट
प्रथम दृटष्या महिला की मौत बीमारी की वजह से हुई है। मौत के बाद शव को जला भी दिया गया। अब आगे जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। - संजय पांडेय, एसडीओ रंका।
डीसी का कोट
मामला सामने आने के बाद एसडीओ रंका से जांच कराई गई है। यह भूख से मौत का मामला नहीं है।
- हर्ष मंगला, उपायुक्त, गढ़वा