बिहार के जहानाबाद जिले में समय पर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने के कारण शुक्रवार को सदर अस्पताल में एक मासूम सरकारी अस्पताल की व्यवस्था की भेंट चढ़ गया। बताया जाता है कि मासूम को घर से अस्पताल पहुंचने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली और फिर बाद में सदर अस्पताल से पटना जाने के लिए भी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो सका।
बुखार और सांस लेने में तकलीफ के कारण बच्चे ने बेहतर इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। अरवल जिले के कुर्था थाना क्षेत्र के शाहपुर गांव निवासी गिरिजेश कुमार अपने 3 साल के पुत्र ऋषि कुमार को लेकर इलाज के लिए शुक्रवार को जहानाबाद सदर अस्पताल पहुंचा। बच्चे को तेज बुखार था और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। बच्चे की हालत गंभीर से जिसके कारण जहानाबाद सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे पटना रेफर कर दिया। लेकिन काफी इंतजार के बाद भी जब उसे एंबुलेंस नहीं मिला तो मासूम की सांस उसका साथ छोड़ने लगी।
स्थानीय लोगों की सूचना पर पीपीएम स्कूल के निदेशक डॉक्टर सुनील कुमार ने अपना प्राइवेट वाहन उसे उपलब्ध कराया लेकिन जब तक वह उक्त वाहन से पटना निकलता उससे पहले ही मासूम की सांस उखड़ गई। बाद में उसी वाहन से मासूम और उसके परिजनों को उसके घर भेजा गया। ज्ञातव्य की जहानाबाद सदर अस्पताल 55 सरकारी एंबुलेंस उपलब्ध है। इसके बावजूद सही समय पर गरीबों को एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो पाती है। इस कारण उस बच्चे की मौत हो गई।
दोपहर में बुखार से पीड़ित एक बच्चा इलाज के लिए आया था उसे सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी बच्चा काफी सीरियस था। प्राथमिक उपचार के बाद उसको पीएमसीएच रेफर कर दिया था। अब उसे किस कारण एंबुलेंस नहीं मिला। इसकी जांच कराई जाएगी। -डॉ. बीके झा अधीक्षक, सदर अस्पताल