न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Updated Wed, 15 Apr 2020 11:58 PM IST
देहरादून की भगत सिंह कॉलोनी में छह साल की बच्ची की मौत हो गई। बच्ची को नौ अप्रैल को स्टूल से गिरने से चोट लगी थी। पिता का आरोप है कि पुलिस ने चोटिल बच्ची को अस्पताल नहीं ले जाने दिया और अस्थाई डिस्पेंसरी से ही उसे पैरासिटामोल की गोलियां दिला दी।
हालांकि, पुलिस बच्ची के पिता के आरोपों से इनकार कर रही है। मामले की प्राथमिक जांच में आया है कि डिस्पेंसरी पर बच्ची के नाम की एंट्री नहीं है। बच्ची के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। बुधवार दोपहर को बेटी की मौत के बाद पिता सलीम आजम ने एसडीएम सदर गोपाल राम बिनवाल को फोन पर इस बात की सूचना दी थी। उनकी यह बातचीत सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रही है।
आजम ने एसडीएम को बताया कि उनकी छह साल की बेटी अक्शा नौ अप्रैल को भाई बहनों के साथ खेल रही थी। इसी बीच वह स्टूल से गिर गई, जिससे उसके कूल्हे में चोट आई। चूंकि, कॉलोनी सील है तो उन्होंने इसकी सूचना 112 इमरजेंसी नंबर पर दी। अगले दिन 10 अप्रैल को आजम बेटी को लेकर मोहिनी रोड के पास चले गए। यहां पर प्रशासन की ओर से सील लगाई गई थी।
आजम का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें आगे जाने से मना कर दिया। बुधवार सुबह अक्शा की हालत जब ज्यादा खराब हुई तो वह नदी के रास्ते उसे लेकर दून अस्पताल पहुंचे। लेकिन, वहां कोरोना के अलावा अन्य बीमारी का इलाज नहीं होता इसलिए डॉक्टरों ने उन्हें कोरोनेशन अस्पताल जाने की सलाह दी। जब तक वह कोरोनेशन अस्पताल पहुंचते अक्शा ने अपने पिता की गोद में ही दम तोड़ दिया। बातचीत के दौरान एसडीएम ने उन्हें जांच का आश्वासन भी दिया। इसमें एसडीएम सदर ने मामले की जांच कराने की बात कही है।
मौत के बाद बुधवार को परिजन उसके शव को दफनाने के लिए ले जा रहे थे। लेकिन, इसी बीच मामले की भनक पुलिस को लग गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। पुलिस भी मामले की जांच में जुट गई है। उधर, सीएमओ मीनाक्षी जोशी का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उधर, कोरोना जांच के लिए भी बच्ची का सैंपल भेजा गया है।
डीआईजी ने दिए मामले की जांच के आदेश
डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पिता ने जो आरोप लगाए हैं, उसकी जांच सीओ नेहरू कालोनी पल्लवी त्यागी को सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि नौ अप्रैल को हुए हादसे के बाद पीड़ित ने जो आरोप लगाए हैं, वो प्राथमिक दृष्टि से सही प्रतीत नहीं हो रहे हैं। सील इलाके में लगातार पुलिस और प्रशासन के अधिकारी लगातार घूम रहे हैं, लेकिन बच्ची की चोट को लेकर कोई जिक्र नहीं किया गया।
साथ ही मोहल्ले के लोगों को ही विशेष पुलिस अधिकारी बनाया गया है। यदि कोई दिक्कत थी तो छह दिन तक क्यों संपर्क नहीं किया गया। जबकि बैरियर पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी हर समय मौजूद हैं। बच्ची की मौत का बहुत दुख है। भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।
मुझे बच्ची के पिता ने फोन किया था। मैंने इस पूरे मामले की जानकारी डीएम साहब को दे दी है। बच्ची के पिता ने जो आरोप लगाए हैं, उनकी जांच के बाद ही सत्यता पता चलेगी। मैंने भी बच्ची के पिता को जांच का आश्वासन दिया है।
- गोपाल राम बिनवाल, एसडीएम सदर
सार
- पिता के अस्पताल ले जाने से रोकने के आरोप को पुलिस ने बताया निराधार
- नौ अप्रैल को छह साल की बच्ची को लगी थी स्टूल से गिरने से चोट
- पुलिस ने शव को भिजवाया पोस्टमार्टम के लिए, गुरुवार को आ सकती है रिपोर्ट
विस्तार
देहरादून की भगत सिंह कॉलोनी में छह साल की बच्ची की मौत हो गई। बच्ची को नौ अप्रैल को स्टूल से गिरने से चोट लगी थी। पिता का आरोप है कि पुलिस ने चोटिल बच्ची को अस्पताल नहीं ले जाने दिया और अस्थाई डिस्पेंसरी से ही उसे पैरासिटामोल की गोलियां दिला दी।
हालांकि, पुलिस बच्ची के पिता के आरोपों से इनकार कर रही है। मामले की प्राथमिक जांच में आया है कि डिस्पेंसरी पर बच्ची के नाम की एंट्री नहीं है। बच्ची के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। बुधवार दोपहर को बेटी की मौत के बाद पिता सलीम आजम ने एसडीएम सदर गोपाल राम बिनवाल को फोन पर इस बात की सूचना दी थी। उनकी यह बातचीत सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रही है।
आजम ने एसडीएम को बताया कि उनकी छह साल की बेटी अक्शा नौ अप्रैल को भाई बहनों के साथ खेल रही थी। इसी बीच वह स्टूल से गिर गई, जिससे उसके कूल्हे में चोट आई। चूंकि, कॉलोनी सील है तो उन्होंने इसकी सूचना 112 इमरजेंसी नंबर पर दी। अगले दिन 10 अप्रैल को आजम बेटी को लेकर मोहिनी रोड के पास चले गए। यहां पर प्रशासन की ओर से सील लगाई गई थी।
आजम का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें आगे जाने से मना कर दिया। बुधवार सुबह अक्शा की हालत जब ज्यादा खराब हुई तो वह नदी के रास्ते उसे लेकर दून अस्पताल पहुंचे। लेकिन, वहां कोरोना के अलावा अन्य बीमारी का इलाज नहीं होता इसलिए डॉक्टरों ने उन्हें कोरोनेशन अस्पताल जाने की सलाह दी। जब तक वह कोरोनेशन अस्पताल पहुंचते अक्शा ने अपने पिता की गोद में ही दम तोड़ दिया। बातचीत के दौरान एसडीएम ने उन्हें जांच का आश्वासन भी दिया। इसमें एसडीएम सदर ने मामले की जांच कराने की बात कही है।
पुलिस ने लिया शव कब्जे में, होगा पोस्टमार्टम
मौत के बाद बुधवार को परिजन उसके शव को दफनाने के लिए ले जा रहे थे। लेकिन, इसी बीच मामले की भनक पुलिस को लग गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। पुलिस भी मामले की जांच में जुट गई है। उधर, सीएमओ मीनाक्षी जोशी का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उधर, कोरोना जांच के लिए भी बच्ची का सैंपल भेजा गया है।
डीआईजी ने दिए मामले की जांच के आदेश
डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पिता ने जो आरोप लगाए हैं, उसकी जांच सीओ नेहरू कालोनी पल्लवी त्यागी को सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि नौ अप्रैल को हुए हादसे के बाद पीड़ित ने जो आरोप लगाए हैं, वो प्राथमिक दृष्टि से सही प्रतीत नहीं हो रहे हैं। सील इलाके में लगातार पुलिस और प्रशासन के अधिकारी लगातार घूम रहे हैं, लेकिन बच्ची की चोट को लेकर कोई जिक्र नहीं किया गया।
साथ ही मोहल्ले के लोगों को ही विशेष पुलिस अधिकारी बनाया गया है। यदि कोई दिक्कत थी तो छह दिन तक क्यों संपर्क नहीं किया गया। जबकि बैरियर पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी हर समय मौजूद हैं। बच्ची की मौत का बहुत दुख है। भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।
मुझे बच्ची के पिता ने फोन किया था। मैंने इस पूरे मामले की जानकारी डीएम साहब को दे दी है। बच्ची के पिता ने जो आरोप लगाए हैं, उनकी जांच के बाद ही सत्यता पता चलेगी। मैंने भी बच्ची के पिता को जांच का आश्वासन दिया है।
- गोपाल राम बिनवाल, एसडीएम सदर