दीपक मसला, अहमदाबाद: लॉकडाउन के बीच देश भर में भयानक तनाव के बीच रहने को मजबूर श्रमिकों की दुर्दशा का कोई अंत नहीं है. अहमदाबाद शहर में एक ऐसी ही दुखद घटना कुछ लाचार फंसे और असहाय श्रमिकों के साथ घटित हुई. चिलचिलाती गर्मी में मजदूर सरकारी सेवा का इंतजार थक हार जाने के बाद पैदल ही अपने घरों को रवाना हो रहे हैं, ऐसे में उत्तर प्रदेश जाने वाले भोला नामक श्रमिक की रास्ते में ही मौत हो गई.
सूरत से अहमदाबाद शहर के भाडज के पास आर्यमान बंगले में काम करने आए 8 प्रवासी मजदूर तालाबंदी में फंस गए. ये मजदूर उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के थे. इन मजदूरों को सूरत से अहमदाबाद शहर में भेजने वाले ठेकेदार ने यथासंभव मदद की. तालाबंदी के बाद 50 दिनों तक शहर में रहने वाले मजदूर 9 मई को आर्थिक तंगी के कारण चिलचिलाती धूप में अपने घर जाने को मजबूर हो गए.
इन मजदूरों के साथ गर्मी में चल रहा था, भोला मलखान (उम, 33) की तबीयत खराब हो गई जिसके बाद उसने अपने साथियों से कहा कि वह वापस जा रहा है. भोला को रास्ते में छोड़कर दूसरे साथी आगे बढ़ गए. इसी दौरान वापस लौट रहा भोला भाडज के प्राइड आइकॉन फ्लैट के पास एक पेट्रोल पंप के पास बेहोश होकर गिर गया. उस समय वहां से गुजर रहे मौलिक पटेल ने 108 एंबुलेंस को सूचना दी. मौके पर पहुंचे एम्बुलेंस स्टाफ ने भोला का इलाज शुरू कर दिया, लेकिन इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई.
जानकारी मिलने के बाद सोला पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस ने भोला के सहयोगियों को सूचित किया और उन्हें वापस बुला लिया, हालांकि, सात मजदूरों में से, भोला के गांव में रहने वाले दो मजदूर वापस आ गए. सोला पुलिस ने उसका बयान दर्ज किया और मृत भोला के शव को उसके गृहनगर भेजने के लिए एक एम्बुलेंस की व्यवस्था कर दी है.
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