पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹249 + Free Coupon worth ₹200
बेंदाघाट (बांदा)। लॉकडाउन में काम धंधा ठप हो जाने से परेशान युवा मजदूर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसने पत्नी की साड़ी को ही गले का फंदा बनाया। शादी पिछले वर्ष हुई थी। कोई संतान नहीं है।
तिंदवारी थाना क्षेत्र के लोहारी गांव के सूरज (25) पुत्र रामपाल वर्मा ने गुरुवार को सुबह करीब 10 बजे घर के खपरैल में पत्नी की साड़ी बांधकर गले में फंदा कस लिया और फांसी पर झूल गया। कुछ देर बाद वहां पहुंची पत्नी ने शव लटकता देखा तो शोर मचाकर परिवार के लोगों को बताया। आसपास के लोग भी आ गए। ग्राम प्रधान राजाराम श्रीवास भी मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी।
पिता रामपाल वर्मा ने बताया कि सूरज आगरा में प्राइवेट कंपनी में काम करता था। पिछले माह लॉकडाउन में कंपनी बंद हो गई। सूरज वापस घर लौट आया। यहां भी कोई काम नहीं था। इससे वह काफी परेशान और तनाव में रहता था। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि इसी तनाव में पत्नी से भी अक्सर विवाद हो जाता था। इन्हीं हालातों से तंग आकर उसने फांसी लगा ली।
पिता ने बताया कि सूरज की शादी पिछले वर्ष फरवरी 2019 में बबेरू क्षेत्र के कोर्रम गांव में हुई थी। पत्नी रजनी ने इसी वर्ष जनवरी में बेटी को जन्म दिया था, लेकिन 8 दिन बाद ही पुत्री की मृत्यु हो गई। सूरज के दो अन्य भाई हैं और उससे छोटे हैं। सूरज ही पूरे घर की देखभाल करता था।
मां संतोषिया भी है। परिवार के सभी सदस्य मजदूरपेशा हैं। उधर, ग्राम प्रधान ने कहा कि सूरज की आत्महत्या का कारण उसे नहीं पता। प्रधान ने कहा कि गांव में मनरेगा के पांच कार्य चल रहे हैं। सूरज ने काम कभी नहीं मांगा। उसेक पिता के नाम जॉबकार्ड बना हुआ है। कुल चार बीघा जमीन है।
बेंदाघाट (बांदा)। लॉकडाउन में काम धंधा ठप हो जाने से परेशान युवा मजदूर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसने पत्नी की साड़ी को ही गले का फंदा बनाया। शादी पिछले वर्ष हुई थी। कोई संतान नहीं है।
तिंदवारी थाना क्षेत्र के लोहारी गांव के सूरज (25) पुत्र रामपाल वर्मा ने गुरुवार को सुबह करीब 10 बजे घर के खपरैल में पत्नी की साड़ी बांधकर गले में फंदा कस लिया और फांसी पर झूल गया। कुछ देर बाद वहां पहुंची पत्नी ने शव लटकता देखा तो शोर मचाकर परिवार के लोगों को बताया। आसपास के लोग भी आ गए। ग्राम प्रधान राजाराम श्रीवास भी मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी।
पिता रामपाल वर्मा ने बताया कि सूरज आगरा में प्राइवेट कंपनी में काम करता था। पिछले माह लॉकडाउन में कंपनी बंद हो गई। सूरज वापस घर लौट आया। यहां भी कोई काम नहीं था। इससे वह काफी परेशान और तनाव में रहता था। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि इसी तनाव में पत्नी से भी अक्सर विवाद हो जाता था। इन्हीं हालातों से तंग आकर उसने फांसी लगा ली।
पिता ने बताया कि सूरज की शादी पिछले वर्ष फरवरी 2019 में बबेरू क्षेत्र के कोर्रम गांव में हुई थी। पत्नी रजनी ने इसी वर्ष जनवरी में बेटी को जन्म दिया था, लेकिन 8 दिन बाद ही पुत्री की मृत्यु हो गई। सूरज के दो अन्य भाई हैं और उससे छोटे हैं। सूरज ही पूरे घर की देखभाल करता था।
मां संतोषिया भी है। परिवार के सभी सदस्य मजदूरपेशा हैं। उधर, ग्राम प्रधान ने कहा कि सूरज की आत्महत्या का कारण उसे नहीं पता। प्रधान ने कहा कि गांव में मनरेगा के पांच कार्य चल रहे हैं। सूरज ने काम कभी नहीं मांगा। उसेक पिता के नाम जॉबकार्ड बना हुआ है। कुल चार बीघा जमीन है।