बक्सर : एक ओर कोरोना संक्रमण के दौर में धरती के भगवान की हर जगह तारीफ हो रही है, वहीं कुछ ऐसे भी हैं जिनकी संवेदनहीनता के कारण मरीज की जान जा रही है। रविवार को जिस गर्भवती महिला की इलाज के लिए एंबुलेंस नहीं मिलने पर उसका पति उसे गोद में लेकर अस्पताल गया था, उस महिला की इलाज के अभाव में मौत हो गई। गरीब बेबस पति हुक्मरानों से लेकर अस्पताल के चिकित्सकों तक गुहार लगाता रहा, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। मामले में सिविल सर्जन से बात करने पर उन्होंने मामले की जानकारी नहीं होने की बात कही है।
यह वाकया अनुमंडल क्षेत्र के नया भोजपुर गांव स्थित अनुसूचित बस्ती निवासी सचिन कुमार राम के साथ हुआ है। स्वजनों का आरोप हैं कि, रविवार की सुबह सचिन कुमार राम ने अपनी पत्नी नीलम देवी की प्रसव पीड़ा शुरू होने पर पहले एंबुलेंस वाले को फोन किया। लेकिन कोई एंबुलेंस चालक कोरोना से प्रभावित गांव नया भोजुपर का नाम सुनकर जाने को तैयार नहीं हुआ। इस परिस्थिति में पति ने तड़प रही पत्नी को गोद में लेकर किसी तरह अस्पताल पहुंचाया। वहां पर अस्पताल के कर्मचारियों ने उन्हें घंटों बैठाए रखा। इधर प्रसव पीड़ा से बेदम महिला तड़प रही थी। लाचार पति अस्पताल के चिकित्सकों और कर्मियों से हाथ जोड़ जोड़कर इलाज करने की फरियाद कर रहा था लेकिन उसकी बात को अस्पताल के कर्मचारी नजरअंदाज करते रहे। अंत में काफी देर के बाद कागजी कार्रवाई का कोरम पूरा कर महिला को जिला मुख्यालय के सिटी अस्पताल में रेफर कर दिया गया।
सिटी अस्पताल में पहुंचने से पहले ही कर दिया गया रेफर
पत्नी की पीड़ा से परेशान पति ने सिटी अस्पताल ले जाने के लिए अधिकारियों से गुहार लगायी तो एंबुलेंस मिला जिसके बाद वह पत्नी को लेकर बक्सर के सिटी हॉस्पिटल पहुंचा। लेकिन यहां बिना मरीज को एम्बुलेंस से उतारे ही उसे वहां से सदर अस्पताल ले जाने का फरमान सुना दिया गया। हैरान-परेशान पति प्रसव पीड़ा से कराह रही पत्नी को लेकर सदर अस्पताल लेकर पहुंचा। वहां भी हालत बिगड़ने का हवाला देकर बिना कुछ इलाज किए पटना रेफर कर दिया गया। इस भाग दौड़ में काफी स्क्तस्त्राव हो चुका था और पीएमसीएच में सोमवार की सुबह पीड़ित महिला की मौत हो गई।
एक साल पहले हुई थी शादी:
नया भोजपुर गांव स्थित अनुसूचित बस्ती के निवासी अशोक राम के पुत्र सचिन कुमार की शादी एक साल पहले नीलम के साथ हुई थी। दाम्पत्य जीवन में पहला फूल खिलने को लेकर स्वजनों में बड़ी खुशी थी। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। कोरोना संक्रमितो की संख्या ज्यादा होने के कारण नया भोजपुर गांव और तीन किलोमीटर की परिधि को सील कर दिया गया है। इस वजह से प्रसव पीड़ा से तड़पती पत्नी को गोद में लेकर वह सबसे पहले डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचा। वहां से दूसरे अस्पतालों में भागदौड़ करने में पत्नी चल बसी। पत्नी की मौत के बाद युवक फफक पड़ा और बताया कि चिकित्सकों की लापरवाही के कारण नीलम की जान चली गई।
----------------------
घटना की जानकारी उन्हें नहीं है। यदि इस तरह का मामला प्रकाश में आता है तो उसकी जांच कराई जाएगी।
डॉ. उषा किरण वर्मा, सिविल सर्जन