लॉकडाउन ने किया निराश: रात 12 बजे पति-पत्नी और जवान बेटे ने एक साथ खाना खाया, फिर कर लिया सुसाइड

First Published 4, Jul 2020, 9:41 AM

जोधपुर, राजस्थान. कोरोना संक्रमण को रोकने लागू किए गए लॉकडाउन के चलते लोगों की आर्थिक स्थितियां गड़बड़ा गई हैं। काम-धंधों पर बुरा असर पड़ने से रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है। बेशक अब अनलॉक शुरू हो गया है, लेकिन पिछले 2 महीने में कई परिवारों पर कर्ज का बोझ लद गया। वहीं, घर बैठे रहने से डिप्रेशन के मामलों में भी बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले एक महीने में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें पूरी फैमिली ने सुसाइड कर लिया। ताजा मामला जोधपुर का है। यहां कर्ज से परेशान एक कपल और उसके बेटे ने सुसाइड कर लिया। सुसाइड नोट में इन्होंने कर्ज से परेशान होने की बात लिखी है। पिता-बेटा फर्नीचर का काम करते थे। वहीं, पत्नी हाउसवाइफ थी। एसीपी नीरज शर्मा ने बताया कि पहले बेटे नितिन ने खुद को फांसी लगाई। फिर राजेंद्र सुथार ने पत्नी इंद्रा का गला घोंट दिया। बाद में खुद फांसी लगा ली। ये किराये से रहते थे। यह परिवार अपना खुद का घर लेने का विचार कर रहा था। लेकिन लॉकडाउन ने उन्हें दाने-दाने का मोहताज कर दिया था। गुरुवार रात करीब 12 बजे तीनों ने एक साथ खाना खाया और फिर सुसाइड कर लिया। इससे पहले फैक्ट्री से पिता-बेटे लौटे, तो इंद्रा खाना खाकर पार्क में टहलने चली गई। बेटा दोस्तों के साथ घूमने निकल गया। पुलिस जब मौके पर पहुंची, तब टीवी चालू था। घटनास्थल पर पुलिस को 4 मोबाइल मिले। इसमें 2 की स्क्रीन टूटी थी। आशंका है कि पति-पत्नी के बीच झगड़ा हुआ होगा। आगे पढ़ें इसी घटना के बारे में..

<p>चौहाबो थानाधिकारी गोविंद व्यास ने बताया कि घटनास्थल से राजेंद्र का सुसाइड नोट मिला है। इसमें उसने कर्ज से परेशान होने की बात कही है। लॉकडाउन के कारण उनकी फैक्ट्री बंद होने से घर का खर्च नहीं चल पा रहा था। वे लोगों से उधार लेकर अपना काम चला रहे थे। <strong>आगे पढ़ें डिप्रेशन में युवती ने लगाई फांसी...</strong></p>

चौहाबो थानाधिकारी गोविंद व्यास ने बताया कि घटनास्थल से राजेंद्र का सुसाइड नोट मिला है। इसमें उसने कर्ज से परेशान होने की बात कही है। लॉकडाउन के कारण उनकी फैक्ट्री बंद होने से घर का खर्च नहीं चल पा रहा था। वे लोगों से उधार लेकर अपना काम चला रहे थे। आगे पढ़ें डिप्रेशन में युवती ने लगाई फांसी...

<p><strong>सूरत, गुजरात.</strong> बॉर्डर लाइन पर्सनॉलिटी डिसआर्डर(BPD) के चलते लंबे समय से डिप्रेशन में चल रही एक युवती ने पिछले दिनों फांसी लगा ली थी। इससे पहले भी वो सुसाइड की कोशिश कर चुकी थी। मरने से पहले युवती ने एक वीडियो बनाया और उसे फेसबुक पर अपलोड किया था। इसमें सिविल अस्पताल की डॉक्टर संजीवनी पाणिग्राही का जिक्र किया। युवती कहते सुनी गई कि डॉ. संजीवनी उसे बचा सकती थीं, अगर वो उसका फोन उठा लेतीं। युवती ने अब तक डॉक्टर द्वारा की गई मदद के लिए उनका धन्यवाद भी कहा। युवती ने पंखे से अपने दुपट्टे को फंदा बनाया था। युवती पांडेसरा के सुखी नगर में रहती थी। डॉक्टर के मुताबिक, इस डिसऑर्डर में अकसर मरीज को मरने का विचार आता है। डॉ. पाणिग्राही ने बताया कि युवती का इलाज चल रहा था। वो सुशांत सिंह की मौत के बाद से ज्यादा परेशान हो गई थी। उसे लगता था कि वो जिंदगी में कुछ नहीं कर पाएगी। वो दुनिया की सबसे नकारा लड़की है। बता दें कि इस डिसऑर्डर से 90 प्रतिशत महिलाएं ही पीड़ित होती हैं। इसमें पीड़ितों की 4-9 प्रतिशत तक मौत सुसाइड में होती है। <strong>आगे पढ़ें अहमदाबाद और पुणे में पिछले दिनों हुईं आत्महत्याओं के चौंकाने वाले मामले..</strong></p>

सूरत, गुजरात. बॉर्डर लाइन पर्सनॉलिटी डिसआर्डर(BPD) के चलते लंबे समय से डिप्रेशन में चल रही एक युवती ने पिछले दिनों फांसी लगा ली थी। इससे पहले भी वो सुसाइड की कोशिश कर चुकी थी। मरने से पहले युवती ने एक वीडियो बनाया और उसे फेसबुक पर अपलोड किया था। इसमें सिविल अस्पताल की डॉक्टर संजीवनी पाणिग्राही का जिक्र किया। युवती कहते सुनी गई कि डॉ. संजीवनी उसे बचा सकती थीं, अगर वो उसका फोन उठा लेतीं। युवती ने अब तक डॉक्टर द्वारा की गई मदद के लिए उनका धन्यवाद भी कहा। युवती ने पंखे से अपने दुपट्टे को फंदा बनाया था। युवती पांडेसरा के सुखी नगर में रहती थी। डॉक्टर के मुताबिक, इस डिसऑर्डर में अकसर मरीज को मरने का विचार आता है। डॉ. पाणिग्राही ने बताया कि युवती का इलाज चल रहा था। वो सुशांत सिंह की मौत के बाद से ज्यादा परेशान हो गई थी। उसे लगता था कि वो जिंदगी में कुछ नहीं कर पाएगी। वो दुनिया की सबसे नकारा लड़की है। बता दें कि इस डिसऑर्डर से 90 प्रतिशत महिलाएं ही पीड़ित होती हैं। इसमें पीड़ितों की 4-9 प्रतिशत तक मौत सुसाइड में होती है। आगे पढ़ें अहमदाबाद और पुणे में पिछले दिनों हुईं आत्महत्याओं के चौंकाने वाले मामले..

<p>लॉकडाउन के चलते काम-धंधा बंद होने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे तीन परिवारों ने अपने बच्चों को मारने के बाद सुसाइड कर लिया। पिछले दिनों पुणे में कपल ने अपने दो बच्चों को मारने के बाद फांसी लगा ली थी।(ऊपर की तस्वीर)। वहीं, अहमदाबाद में दो सगे भाइयों ने अपने-अपने दोनों बच्चों की हत्या के बाद खुद भी जान दे दी थी (नीचे की तस्वीर)।<strong> आगे पढ़िए अहमदाबाद की घटना के बारे में..</strong></p>

लॉकडाउन के चलते काम-धंधा बंद होने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे तीन परिवारों ने अपने बच्चों को मारने के बाद सुसाइड कर लिया। पिछले दिनों पुणे में कपल ने अपने दो बच्चों को मारने के बाद फांसी लगा ली थी।(ऊपर की तस्वीर)। वहीं, अहमदाबाद में दो सगे भाइयों ने अपने-अपने दोनों बच्चों की हत्या के बाद खुद भी जान दे दी थी (नीचे की तस्वीर)। आगे पढ़िए अहमदाबाद की घटना के बारे में..

<p>यह मामला अहमदाबाद में सामने आया था। बच्चों के नाम कीर्ति, मयूर, ध्रुव और सानवी हैं। इन सभी की उम्र 7 से 12 साल की थी। इनके और दोनों पिता के शव घर में मिले थे। घटना हफ्तेभर पहले हुई थी। दोनों भाई कपड़े की दुकान पर काम करते थे। माना जा रहा है कि दोनों भाई आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे। दोनों भाइयों ने 6 महीने पहले ही अहमदाबाद के विंजोल इलाके में फ्लैट खरीदा था। हालांकि अभी शिफ्ट नहीं हुए थे। दोनों अलग-अलग किराये पर रह रहे थे। दोनों भाई घुमाने के बहाने बच्चों को नये फ्लैट पर लेकर आए थे। बच्चों की उम्र 7-12 साल बताई जाती है। उनकी पत्नियां घर पर थीं। <strong>आगे पढ़िए पुणे में दो बच्चों की हत्या के बाद फांसी पर झूला कपल..</strong></p>

यह मामला अहमदाबाद में सामने आया था। बच्चों के नाम कीर्ति, मयूर, ध्रुव और सानवी हैं। इन सभी की उम्र 7 से 12 साल की थी। इनके और दोनों पिता के शव घर में मिले थे। घटना हफ्तेभर पहले हुई थी। दोनों भाई कपड़े की दुकान पर काम करते थे। माना जा रहा है कि दोनों भाई आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे। दोनों भाइयों ने 6 महीने पहले ही अहमदाबाद के विंजोल इलाके में फ्लैट खरीदा था। हालांकि अभी शिफ्ट नहीं हुए थे। दोनों अलग-अलग किराये पर रह रहे थे। दोनों भाई घुमाने के बहाने बच्चों को नये फ्लैट पर लेकर आए थे। बच्चों की उम्र 7-12 साल बताई जाती है। उनकी पत्नियां घर पर थीं। आगे पढ़िए पुणे में दो बच्चों की हत्या के बाद फांसी पर झूला कपल..

<p>पुणे में पिछले दिनों एक फैमिली के 4 सदस्यों द्वारा सुसाइड करने का सनसनीखेज मामला सामने आया था। यह परिवार सुख सागर इलाके में रहता था। मरने वालों में 2 मासूम बच्चे भी थे। आशंका है कि बच्चों को फांसी पर लटकाने के बाद कपल ने आत्महत्या की। शुरुआती जांच में इसे आर्थिक संकट माना जा रहा है। पुलिस को पेंसिल से दीवार पर लिखा एक सुसाइड नोट मिला था। इसमें लिखा गया कि पुलिस किसी को परेशान न करे। वे अपनी मर्जी से और परिस्थिति से परेशान होकर जिंदगी खत्म कर रहे हैं। लॉकडाउन के कारण मृतक का काम-धंधा बंद पड़ा हुआ था।<strong> पढ़िए आगे इस खबर के बारे में...</strong></p>

पुणे में पिछले दिनों एक फैमिली के 4 सदस्यों द्वारा सुसाइड करने का सनसनीखेज मामला सामने आया था। यह परिवार सुख सागर इलाके में रहता था। मरने वालों में 2 मासूम बच्चे भी थे। आशंका है कि बच्चों को फांसी पर लटकाने के बाद कपल ने आत्महत्या की। शुरुआती जांच में इसे आर्थिक संकट माना जा रहा है। पुलिस को पेंसिल से दीवार पर लिखा एक सुसाइड नोट मिला था। इसमें लिखा गया कि पुलिस किसी को परेशान न करे। वे अपनी मर्जी से और परिस्थिति से परेशान होकर जिंदगी खत्म कर रहे हैं। लॉकडाउन के कारण मृतक का काम-धंधा बंद पड़ा हुआ था। पढ़िए आगे इस खबर के बारे में...

<p>मरने वालों की पहचान अतुल शिंदे(33), पत्नी जया शिंदे(32) और दो बच्चे ऋग्वेद(6) व अंतरा शिंदे(3) के रूप में हुई थी। पड़ोसियों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची थी। जब पुलिस दरवाजा तोड़कर घर में घुसी, तो देखा कि चारों बेसुध थे। उन्हें फौरन हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। <strong>(पुलिस को दीवार पर लिखा मिला सुसाइड नोट)</strong></p>

मरने वालों की पहचान अतुल शिंदे(33), पत्नी जया शिंदे(32) और दो बच्चे ऋग्वेद(6) व अंतरा शिंदे(3) के रूप में हुई थी। पड़ोसियों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची थी। जब पुलिस दरवाजा तोड़कर घर में घुसी, तो देखा कि चारों बेसुध थे। उन्हें फौरन हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। (पुलिस को दीवार पर लिखा मिला सुसाइड नोट)

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