कानपुर सेंट्रल स्टेशन से पास हुईं स्पेशल ट्रेनों में शनिवार को युवती समेत तीन की मौत हो गई। कोरोना संदिग्ध मानते हुए डॉक्टरों ने तीनों के सैंपल लिए। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। गुड़गांव से दीमापुर जा रही ट्रेन में नागालैंड के तकपुआइंस, पॉए, 1 पोस्ट जलुकिए, बेईसुम, पुईकम निवासी डेनियल पेम, उनकी चचेरी बहन निचीनेन्यू डिसांग और उसकी सहेली पेम डिसांग सफर कर रही थीं। रास्ते में निचीनेन्यू (23) को अचानक खून की उल्टियां शुरू हो गईं।
डेनियल ने ट्रेन स्टाफ को सूचना दी लेकिन जब तक इलाज मिल पाता, युवती की सांसें थम चुकी थीं। ये लोग गुड़गांव में एक संचार कंपनी में काम करते थे। इसी तरह विजयवाड़ा से लखनऊ जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन में उन्नाव के बिहार थाना क्षेत्र के डेहवा, जालापुर निवासी राजेंद्र की मौत हो गई। यात्रियों ने जीआरपी को बताया कि रास्ते में इन्हें कई बार चक्कर आया था, इसके बाद दम तोड़ दिया।
प्रोटोकॉल के तहत सैंपलिंग कराई गई है- अधिकारी
वहीं सूरत से सीवान जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सिवान के पचराठा निवासी मुन्नीदेवी नाती पिंटू के साथ सफर कर रही थी। पिंटू ने बताया कि रास्ते में दादी को उल्टी-दस्त शुरू हो गई तो एक यात्री से ग्लूकोज दिया, तड़के मुन्नीदेवी की मौत हो गई। ये तीनों ट्रेनें सुबह आठ से दो बजे के बीच सेंट्रल पर आई थीं। सूचना पर डीएम और डीआईजी स्टेशन पहुंच गए। डीएम ने सेंट्रल के डायरेक्टर हिमांशु शेखर से दिवंगत श्रमिकों के परिजनों को सुरक्षित जगह पर ठहराने को कहा। डायरेक्टर ने बताया कि युवती पहले से बीमार थी। प्रोटोकॉल के तहत सैंपलिंग कराई गई है।
जीआरपी ने कराया क्वारंटाइन
जीआरपी प्रभारी ने बताया कि नागालैंड की युवती के साथ उसका चचेरा भाई और सहेली थी। इसके अलावा सीवान की मुन्नीदेवी के साथ नाती था। तीसरे श्रमिक राजेंद्र के साथ तीन लोग सफर कर रहे थे। राजेंद्र के घरवाले तो भाग गए, जबकि तीनों बचे लोगों को स्टेशन के पास एक सुरक्षित कमरे में क्वारंटाइन करा दिया गया है। इसकी रिपोर्ट भी प्रशासन को दे दी है।
रिपोर्ट आए तो खबर दे देना
राजेंद्र प्रसाद के साथ उन्नाव के डेहवा गांव के दो लोग और एक परिवार के सदस्य भी सफर कर रहे थे। ये तीनों जीआरपी प्रभारी राममोहन राय से यह कहकर चले गए, जब रिपोर्ट आए तो खबर दे देना।