बिहार के सीतामढ़ी जिले के प्रवासी मजदूर की इलाज के दौरान मंगलवार रात सासाराम में मौत हो गई। सीतामढ़ी जिला के सुरसंडा (बिहटा) थाना अंतर्गत हनुमाननगर के निवासी रामधारी ठाकुर के 45 वर्षिय पुत्र रामसेवक ठाकुर गुजरात के सूरत से गया के लिए खुली श्रमिक स्पेशल से चला था। ट्रेन में भोजन-पानी नहीं मिलने के कारण रास्ते में ही उसकी तबियत खराब हो चुकी थी। ट्रेन जब मंगलवार को सासाराम पहुंची तो स्थानीय लोगों द्वारा चेन पुलिंग करने पर वह भी उतर गया। लगभग 120 मजदूरों के ट्रेन से उतरने की सूचना पर रेलवे व जिला प्रशासन द्वारा सभी का थर्मल स्क्रीनिंग के लिए स्टेशन पर प्रबंध किया गया।
सभी मजदूरों का थर्मल स्क्रीनिंग हो रहा थ। इसी दौरान रामसेवक बेहोश होकर गिर पड़ा। जिला प्रशासन द्वारा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मजदूर की मौत के स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना जांच के लिए उसका सेम्पल भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने तक शव को सदर अस्पताल के शवदाह गृह में रखा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही शव उसके गांव भेजा जाएगा।
श्रमिक स्पेशल से आने वाले प्रवासियो में सासाराम स्टेशन पर बीमार होकर मरने वाला रामसेवक दूसरा प्रवासी है। इससे चार दिन पहले भी गुजरात से ही सासाराम पहुंची औरंगाबाद की एक महिला की तबियत खराब होने के बाद उसे अस्पताल पहुंचाया गया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। इसके अलावे इस भीषण गर्मी में बिना भोजन-पानी के 30-40 घंटे तक ट्रेनों में सफर कर अपने गृह जिला के स्टेशनों पर उतर रहे सभी प्रवासी मजदूरों की हालत खराब दिख रही है।
मजदूर स्टेशन पर पहुंचने के बाद पहले पानी की तलाश करते हैं। बुधवार को भी सासाराम में चेनपुलिंग कर उतरे 30 यात्रियों की हालत भी खराब थी। जिन्होंने स्टेशन पर उतरने के बाद सबसे पहले चापाकल और नल की ओर दौड़ लगा रहे थे। समाजिक संगठनों द्वारा स्टेशन के बाहर पानी का स्टाल लगाया गया है। लेकिन प्रवासी इतने प्यासे उतर रहे हैं कि वह स्टेशन से बाहर निकलने का भी इंतजार नही कर पा रहे हैं। जीआरपी के थानाध्यक्ष लल्लू सिंह ने बताया कि सीतामढ़ी के एक मजदूर की मौत हो गई।